Concept of Species (प्रजाति की संकल्पना )

Concept of Species (प्रजाति की संकल्पना )

Concept of Species (प्रजाति की संकल्पना )

Speciesकी अवधारणा  तो तर्क सम्मत एवं वैज्ञानिक प्रमाणिकता प्रदान करने का श्रेय कैरोलस लीनियस को दिया जाता है

Definition of Species

विभिन्न वैज्ञानिकों नेSpecies  निम्न परिभाषाएं प्रस्तुत की-

Darlington – 1928 – “Genetically isolated population of plant which interbreed within themselves and morphologically similar can be placed in single species.”

Clausen et al 1945 – “   के अनुसार समान लक्षणों वाले पौधों का वह समूह  जिसके सदस्य जीनो का आदान-प्रदान बिना किसी हानिकारक प्रभाव के करते हैं प्रजाति (Species)कहलाता है

उपर्युक्त परिभाषाओ  के आधार पर निम्न तथ्य उभर कर सामने आते हैं

  1.  एक पादप प्रजाति के सदस्य आकारीकी  शारीरिकी  एवं अन्य लक्षणों में लगभग  पूर्णतया समान होते हैं
  2.  एक प्रजाति के सदस्यों में अंतर्प्रजनन (interbreeding ) या लैंगिक प्रजनन होता है
  3.  एक जाति के सदस्यों में अनुवांशिक अवरोध नहीं होता
  4.  एक प्रजाति के सदस्य सामान्यतया दूसरी प्रजाति के सदस्यों से लैंगिक जनन प्रदर्शित नहीं करते हैं अर्थात इनमें अनुवांशिक पदार्थों का  विनिमय नहीं होता है

 अतः उपरोक्त तथ्यों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि

“ पादपों का ऐसा समूह जो बाहरी आंतरिक आबकारी के में समानता रखता हो तथा जिसके सभी सदस्य  जननक्षम  हो तथा आपस में अंतर्प्रजनन (interbreeding )  कर सकते हो जाति (Species) कहलाता है”

Intraspecific categories – (अंतरा प्रजातीय  वर्गक )

सामान्यतया एक ही प्रजाति के विभिन्न सदस्य बाह्य और आंतरिक लक्षणों में एकरूपता प्रदर्शित करते हैं किंतु यह देखा गया है कि वातावरण और भौगोलिक परिस्थितियों के कारण एक ही प्रजाति के सदस्यों में बाह्य व आंतरिक तथा जैव रासायनिक और कभी-कभी आनुवंशिक लक्षणों में भी भिन्नता होती है इन भिन्नताओं  को दर्शाने वाले एक ही प्रजाति के ऐसे पादपों का समूह Intraspecific वर्गक   कहलाता है। 

आवृतबीजी पादपों में पाए जाने वाले Intraspecific वर्गक निम्न प्रकार के हैं

1 Biotype (जैव प्रारूप )

 प्राकृतिक रूप से एक ही या अलग-अलग स्थानों पर सामान वातावरण में  पाए जाने वाले एक ही प्रजाति के पादप समूह जिनके सदस्य आनुवांशिक रूप से पूर्णतया समान परंतु आकारिकी व शारीरिक लक्षणों में भिन्न होते हैं Biotype कहलाते हैं। 

2 Ecotype (परिप्रारूप )

 एक ही पादप प्रजाति के वह सदस्य जो भिन्न-भिन्न वातावरण में उगते हैं तथा एक दूसरे से बाह्य आकारिकी व कार्यकीय लक्षणों में भिन्नता दर्शाते हैं Ecotype कहलाते है। 

यदि इन्हे  समान वातावरण में उगाया जाये तो भी इनमें भिन्नता स्थाई रूप से बनी रहती है क्योंकि यह अनुवांशिक स्तर पर स्थिर हो जाती है तथा आने वाली पीढ़ियों में भी दृष्टिगोचर होती है। 

3 Ecophane or Ecads ( अनुकूलक या पारिज )

इन्हीं पादप प्रजाति के वे सदस्य जो अलग-अलग वातावरण में उगते हैं तथा लक्षणों में बहुत ही कम अंतर प्रदर्शित करते हैं Ecophane or Ecads कहलाते हैं यदि इन्हें समान वातावरण  में उगाया जाए तो यह समान लक्षण प्रदर्शित करते हैं अतः इनमें विभिन्नताएं अनुवांशिक स्तर पर स्थिर नहीं होती है। 

4. Variety किस्म 

 किस्म के बारे में कैरोलस लीनियस ने अपने ग्रंथ क्रिटिका बोटेनिका में उल्लेख किया है

“एक ही प्रजाति में   उत्पन्न  पादप समूह जो  बाह्य लक्षण प्रारूप (Phenotype ) में भिन्नता प्रदर्शित करते हैं तथा इनमें विभेदन (difference ) अनुवांशिक स्तर पर निर्धारित होता है  इन्हें variety  कहा जाता है

ICBN के अनुसार उपजातियां या किस्म के नामकरण की प्रक्रिया स्थापित की गई इनका नामकरण त्रिपद नाम पद्धति द्वारा किया जाता है जैसे

 पीली सरसों  (mustard ) – Brassica campestris ver. Sarson 

काली सरसों (Black Mustard) –  Brassica campestris ver. Dicotoma

 फूलगोभी ( cauliflower) – (Brassica oleracea, variety botrytis)

 पत्ता गोभी cabbage – (Brassica oleracea, variety capitata)

5. Other (अन्य) 

Plant Taxonomy मैं पादप नामकरण के अंतर्गत उपरोक्त वर्गको के अतिरिक्त कुछ अन्य पदों का भी गठन किया गया, जिनकी सहायता से अनेक प्रकार के अंतराजातीय प्रभेदों को अभिव्यक्त किया जाता है इन वर्गको की स्थापना पूर्ण रूप से स्पष्ट नहीं है भी इनका उपयोग अनेक वैज्ञानिको द्वारा किया गया है  जैसे – प्रारूप/ भेद ( Forms) कृषिज -उपजातियां (cultivers), Clines आदि

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