Plant nomenclature
पौधों को वैज्ञानिक आधार पर नाम देने या नामकरण की प्रक्रिया को पादप नामकरण plant nomenclature कहते हैं।
इसके लिए पौधों के वैज्ञानिक नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लेटिन भाषा में दिए जाते हैं तथा इसी भाषा के अनुसार लिखें और उच्चारित किए जाते हैं।
पादप नामकरण के वैज्ञानिक पद्धति पहले पॉलिनॉमियल थी इस पद्धति में एक पौधे के नाम में अनेक शब्दों का प्रयोग होता था जैसे Sida acuta पौधे का नाम Chrysophyllum folis Ovalis superne glabris, Parallale, striates, Subtus tomentosonitidis था ।
इस इस तरह के नाम का उच्चारण करना अथवा इन्हें याद रखना अत्यंत कठिन था।
ऐसी पद्धति की आवश्यकता अनुभव की जो न केवल सर्वमान्य हो बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचलित भी हो तथा जिसका उपयोग आसान हो ।
Binomial System of Nomenclature
सर्वप्रथम द्विनाम पद्धति का उपयोग Gaspard Bauhin ने अपनी पुस्तक Pinex में किया ।
लेकिन Binomial system को प्रस्तुत करने का श्रेय Carolus Linnaeus को जाता है । इन्होंने इसका व्यापक प्रयोग अपनी पुस्तक Species Plantarum में किया।
इस पद्धति के अनुसार प्रत्येक पौधे के नाम के दो भाग होते हैं
A.Generic Name (वंशीय नाम)
B. Specific Name ( जातीय नाम)
- यह पद्धति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुस्थापित एवं प्रमाणिक नामकरण पद्धति है।
- इस पद्धति के अनुसार पौधे का नाम लेटिन या लेटिनिकृत शब्दो मे ल8लिखा जाता है ।
- इस पद्धति में पौधों का नाम Italics में लिखा जाता है। हाथ से लिखते समय उसे रेखांकित (underline) किया जाता है।
- इसमे Genus के नाम का पहला अक्षर Capital letter में तथा प्रजाति के नाम का पहला अक्षर small letter में लिखा जाता है।
- Eg. Solanum tuberosum
- तथा कभी कभी species के नाम के बाद उस वैज्ञानिक का नाम भी संक्षिप्त में लिख दिया जाता है जिसने सबसे पहले उसका वर्णन किया है।
- जैसे -Brassica campestris Linn.