Concept of Genus ( वंश संकल्पना )
Concept of Genus ( वंश संकल्पना )
यह प्रजाति से उच्चतर स्तर की Taxonomic इकाई होती है
Definition
“ऐसी अनेक प्रजातियाँ जो एक दूसरे से अधिकांश लक्षणों में समानता दर्शाती है वंश (Genus) कहलाती है। “
जब एक वंश में केवल एक ही प्रजाति सम्मिलित होती है तो ऐसे वंश को मोनोटाइपिक कहा जाता है
वंश की संकल्पना मनुष्य के द्वारा अति प्राचीन काल से की जा रही है- जैसे ओक (oak) की समस्त प्रजातियां Quercus वंश में तुलसी (Basil ) की समस्त प्रजातियां Ocimum तथा चीड़ (pine) की समस्त प्रजातियां Pinus वंश में सम्मिलित की गई।
Tournefort के अनुसार किसी पादप वंश की स्थापना एवं निर्धारण के लिए इन में सम्मिलित पादप प्रजातियों के पुष्पीय एवं फल संबंधी लक्षणों को सर्वश्रेष्ठ मानदंड के रूप में प्रयुक्त किया जा सकता है इसके अतिरिक्त यदि आवश्यक हो तो आकारिकी व कायिक लक्षणों की सहायता भी ली जा सकती है।
जैसे-जैसे पादप वर्गिकी का अध्ययन आगे बढ़ता गया वैसे वैसे आंतरिक संरचना (Anatomy ) कोशिका संरचना (cell structure ) तथा अन्य संरचनाएं जैसे बीजांड की संरचना embryo की संरचना pollen की संरचना आदि विशेषताओं का भी पादप वर्गीकरण में तथा वंश के निर्धारण में उपयोग किया जाने लगा ।
जैसे Hedberg के द्वारा बाह्य आकारिकी, गुणसूत्र संख्या , एवं परागकण संरचना के आधार पर Genus – Polygonum को 7 नए वंशो में विभाजित किया गया।
इसी प्रकार जोहरी के द्वारा भ्रूण विज्ञान के आधार पर Butomopsis , Peonia, Trapa नामक वंशो की व्याख्या की।
एक Genus को दो या दो से अधिक Subgenus तथा इसके आगे उन्हें section (खण्ड) में विभाजित किया जा सकता है।