Reproduction in Algae
(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});शैवालो में जनन (Reproduction in Algae)-
शैवालों में जनन तीन विधियों से होता हैं।
1.कयिक जनन (Vegetative reproduction)
2.अलैंगिकजनन (Asexual reproduction)
3. लैंगिकजनन (Sexual reproduction)
1.कयिक जनन(Vegetative reproduction)-
- कोई भी पादप अंश या अंग जब पुराने पादप से पृथक होकर नये पादप का निर्माण करता है तो यह क्रिया कयिक जनन कहलाता है।
- शैवाल अनुकूल परिस्थितियों में कयिक जनन द्वारा अपनी संख्या में वृद्धि करते हैं ।
2.अलैंगिक जनन (Asexual reproduction)–
- ये विधि भी शैवाल अनुकूल परिस्थितियों में अपनाते हैं ।
- अलैंगिक जनन के दौरान पादप थैलस कई प्रकार के बीजाणु निर्मित करता है,
- यह बीजाणु जनन कहलाता है। बीजाणु जिस संरचना में बनते हैं वह बीजाणुधानी कहलाती हैं ।
- बीजाणु कशाभिका युक्त अर्थात गतिशील अथवा गति हीन हो सकते हैं।
3. लैंगिक जनन (Sexual reproduction)-
- इस विधि में जीन का आदान प्रदान होता हैं। इस विधि के दौरान पादप थैलस पर निर्मित नर जननांग पुंधानी (antheridia) में पुमणु (antherozoid) बनते है।
- मादा जननांग अंडधानी (Oogonia) में अण्ड (egg/ovum) बनते हैं। इन दो प्रकार के युग्म को के संयुग्मन द्वारा द्विगुणित निषिक्ताण्ड(oospore) बनता है।
1. कयिक जनन(Vegetative reproduction)-
- अनुकूल परिस्थितियों में पादप कयिक जनन द्वारा जीवों की संख्या में वृद्धि करता है। कयिक जनन की मुख्य विधियाँ निम्न हैं –
i) कोशिका विभाजन द्वारा (By Cell division)-
- इस विधि द्वारा एक कोशिकीय शैवाल विभाजन द्वारा पुत्री कोशिका का निर्माण करती हैं। प्रत्येक कोशिका वृद्धि कर स्वतंत्र पादप की तरह व्यवहार करती हैं।
- यह क्रिया द्विविखण्डन भी कहलाती हैं। जैसे- युगलिना, डेसमिड, डायटमस आदि।
ii) खण्डन द्वारा ( By fragmentation)-
- शैवालों का थैलस अनेक खण्डों में टूट जाता हैं तथा प्रत्येक खण्ड स्वतंत्र वृद्धि कर नये पादप में विकसित हो जाता हैं। जैसे- कलेडोफोरा, यूलोथरिक्स, उड़ोगोनियम।
- शैवालों में थैलस का खण्डन अनेक कारणों से होता हैं। जैसे- तेज जलधारा के प्रभाव से, जन्तुओं द्वारा काटने से व यांत्रिक दुर्घटनाओं के कारण।
iii) हार्मोगोन द्वारा(By hormogones)-
- इनका निर्माण नील हरित शैवाल में होता है। प्रतिकूल परिस्थितियों में तन्तु अथवा ट्राइकोम छोटे-छोटे खण्डो में टूट जाता है।
- ये खण्ड हार्मोगोन कहलाते है।
- इनका निर्माण पृथककारी डिस्क के निर्माण के द्वारा अथवा अन्तर्वेशी कोशिका के मृत होने से होता हैं। हार्मोगोन वृद्धि कर नये थैलस में विकसित हो जाते हैं। eg- नॉस्टोक , ओसिलोटोरिया, एनाथीना।
iv) कन्द द्वारा (By tuber)-
- कुछ शैवालों के मुलाभास अथवा भूमिगत अक्ष की पर्व सन्धियो पर कुछ कोशिकाएँ भोजन संचित कर के कन्द संरचना निर्मित कर लेती हैं।
- यह पादप थैलस से अलग होकर नए शैवाल का निर्माण कर लेती है। जैसे- कारा।
v) प्रोटोनिमा द्वारा (By protonema)-
- युग्मनज के अंकुरण से प्राथमिक तंतु बनता है कुछ शैवालों में यह तंतु नया पादप बनाने की क्षमता रखते हैं। जैसे- कारा।
vi) मुकुलन द्वारा (By budding)-
- कुछ साइफोनेसियन शैवालों में पुटिका से एक उभार बनता है जो पट (Septa) द्वारा मातृ पादप से अलग हो जाता हैं। यह उभार मुकुल (bud) कहलाता है जो अलग होकर नये थैलस का निर्माण करती हैं। जैसे-प्रोटोसाइफोन।
vii) एमाइलमस्टार (Amylum stars)
- कारा पादप की आधारी पर्व सन्धियो की कोशिकाएं विभाजन के द्वारा तारे समान संरचना बनाती है। जिन में एमाइलम स्टार्च भरा रहता है इन्हें एमाइलम कहते हैं। यह मातृ पादप से अलग होकर नए थैलस का निर्माण करती है।
viii) अपस्थानिक शाखाएँ (Adventitious branches)
- कुछ शैवालों में थैलस से कुछ शाखाएँ निर्मित होती हैं जो पृथक होकर नये थैलस का निर्माण करती हैं। जैसे- डिक्टओटा, फ्यूक्स आदि।
Ix) पत्र प्रकलिकायो द्वारा (By bulbils)
- यह संरचनाये गोलाकार होतीं हैं तथा एकल या अनियमित समूहों में मुलाभास के अथवा अक्ष के आधारी भाग पर लगती हैं।
- यह संरचनाये भोजन संग्रहित करके फूल जाती हैं।
- पादप थैलस से अलग होकर यह नये शैवाल का निर्माण करने की क्षमता रखती हैं।
2. अलैंगिक जनन(Asexual reproduction)
- शैवालों में अलैंगिक जनन विभिन्न प्रकार के बीजाणुओं द्वारा होता हैं। जिनका निर्माण बीजाणुओं में होता हैं।
- प्रत्येक बीजाणुधानी में एक या अधिक बीजाणु बनते है।
- बीजाणु कशाभिकी अथवा बहुकोशिकी प्रकार के हो सकते है।
- शैवालों में निम्न प्रकार के बीजाणुओं द्वारा अलैंगिक जनन होता हैं।
i) चल बीजाणुओं द्वारा (By Zoospores)-
- चल बीजाणु गतिशील, कशाभिका युक्त नग्न एककोशिक संरचनाये होतीं है।
- थैलस की कायिक कोशिकाओं में प्रोटोप्लास्ट के विखंडन से इनका निर्माण होता हैं।
- ये द्विक शाभिकी अथवा चतुष्कशाभिकी होते है।
- चल बीजाणुओ का निर्माण अनुकूल परिस्थितियों में होता है इनका निर्माण रात्रि के समय होता हैं तथा बीजाणुधानियो से प्रातः काल में मुक्त होते है।
- बीजाणुधानी से मुक्त होने के पश्चात ये कुछ समय तक तैरते है। तथा कशाभिकाये नष्ट होकर विभाजन द्वारा थैलस का निर्माण करते है।
ii) अचल बीजाणुओं द्वारा(Aplanospore)
- ये अकशाभिकी अथवा अचल होते है जो स्थलीय शैवालों में अथवा जलीय शैवालों में शुष्क परिस्थितियों में बनते है।
- प्रत्येक अचल बीजाणु अंकुरित होकर नये थैलस का निर्माण करता है।
- बीजाणुधानी में सामान्यतः एक परन्तु कई बार अनेक अचल बीजाणुओं का निर्माण होता हैं। इनका अंकुरण बीजाणुधानी से मुक्त होने पर होता हैं। जैसे- यूलोथरिक्स, वॉउचेरिया।
iii) सुप्त बीजाणुओं द्वारा (By Hypnospores)
- ये अचल बीजाणु होते हैं जिनका निर्माण प्रतिकूल परिस्थितियों में होता हैं।
- प्रतिकूल परिस्थितियों में ये सुप्तावस्था में पड़े रहते है तथा अनुकूल परिस्थितिया आने पर अंकुरण द्वारा सीधे ही अथवा चलबीजाणुओं के निर्माण द्वारा नये पादप का निर्माण करते हैं। eg- वॉउचेरिया, क्लेमाइडोमोनास।
iv) एकाइनीटद्वारा(By Akinete)-
- ये बीजाणु प्रतिकूल परिस्थितियों में बनते हैं इनकी मोटी कोशिका भित्ति कभी-कभी मातृ कोशिका भित्ति द्वारा भी निर्मित हो सकती हैं।
- इस संरचना में भोजन संचित रहता है। जैसे- वॉउचेरिया, एनाबिना, नॉस्टोक आदि।
V) पामेला अवस्था (Pamella stage)
- तालाब या पोखर में जहाँ शैवाल कायिक वृद्धि कर रहा होता है । और उस स्थान पर जल समाप्त होने पर पानी जलाशय के किनारों से भीतर की ओर बढ़ जाता हैं तब नम मिट्टी में उपस्थित शैवालों में यह अवस्था देखने को मिलती हैं।
- उस समय जनक कोशिकाओं का जीवद्रव्य विभाजित होकर संतति कोशिका बनाता है।
- संतति कोशिका एक दूसरे से अलग न होकर मातृ कोशिका के जिलेटिनिकरण से बनी श्लेष्मा में परिबद्ध रहती हैं।
- इस प्रकार एक कॉलोनी जैसे संरचना बनती हैं।
- कई बार पुत्री कोशिका विभाजित होकर पुत्री कोशिका बनाती हैं।
- अनुकूल परिस्थितिया आने पर ये कोशिकाए चल या अचल बीजाणुओ का कार्य करती हैं। जैसे क्लेमाइडोमोनास, यूलोथरिक्स आदि।
vi) ऑक्सोस्पोर (Auxospore)
- बेसिलेरियोफायसी समूह में पाये जाने वाले यह बीजाणु मातृ कोशिका में निर्मित होते है तथा पृथक होकर नये पादप का निर्माण करते हैं।
vii) एन्डोस्पोर (Endospores)-
- यह अचल, मोटी भित्ति युक्त बीजाणु सायनोफायसी व बेसिलेरियोफायसी के कुछ सदस्यों में बनते हैं।
- अनुकूल परिस्थिति आने पर यह अंकुरित होकर नया पादप बना लेते हैं।
viii) कार्पोस्पोर (Carpospore)
- यह रोडोफायसी के कार्पोस्पोरोफाइट के कार्पोगोनियम की सहायक कोशिका से अथवा गोनिमोब्लास्ट तन्तुओं से निर्मित संरचनाये होतीं हैं जो निषेचन के बाद बनती हैं।
- यह अगुणित तथा द्विगुणित दोनों प्रकार के हो सकते है।
ix) बर्हि बीजाणु (Exospores)
- कुछ शैवालों में कोशिका के सिरे टूट जाते है जिससे जीव द्रव्य बाहर आकर अचल बीजाणु बना लेता है।
- अनुकूल परिस्थितियों में ये नये थैलस का निर्माण कर लेते हैं। जैसे- केमिसायफोन।
3.लैंगिक जनन (Sexual Reproduction)-
- सायनोफायसी वर्ग के अतिरिक्त सभी शैवालों में लैंगिक जनन पाया जाता है।
- लैंगिक जनन में युग्मको का संलयन होता हैं। जिनका निर्माण युग्मकधानियो में होता है।
- युग्मक नग्न अर्थात कोशिका भित्ति रहित होते है।
- कभी कभी युग्मको पर पतली भित्ति पायी जाती हैं तो वे आवर्त युग्मक(Calyptogametes) कहते हैं।
- युग्मक अगुणित (haploid) होते है।
- ये चल अथवा अचल दोनों प्रकार के पाये जाते है।
- यदि एक थैलस पर बने युग्मको का संलयन हो तो थैलस समजालिक (Homothallic) और यदि अलग –अलग थैलस पर निर्मित युग्मको में संलयन हो तो विषमजालिक (Heterothallic) कहलाता है।
- यदि दो प्रकार के युग्मक एक ही थैलस पर बनते है तो थैलस उभयलिंगाश्रयी (Monoecious) और अलग-अलग थैलस पर बने तो एकलिंगाश्रयी (Dioecious) कहलाते है।
- युग्मक की संरचना एवं कार्य के आधार पर लैंगिक जनन निम्न प्रकार का होता हैं-
i).पूर्ण युग्मन (Hologamy)
- अनेक एक कोशिकीय शैवाल कायिक जीवन बिताने के पश्चात लैंगिक जनन के समय युग्मक की तरह व्यवहार करने लगते हैं। और उसी प्रकार के युग्मक के साथ संलयित होकर युग्मनज का निर्माण करती हैं। जैसे- क्लेमाइडोमोनास मीडिया।
ii) स्वयुग्मन (Autogamy)
- इस क्रिया में एक ही कोशिका की दो पुत्री केन्द्रकों में संलयन होकर युग्मनज का निर्माण कर लेती हैं इसे स्वयुग्मन कहते है।
- इस क्रिया में बाह्य जीनो का समायोजन नही होता हैं। अतः संतति में नये लक्षणों की उतपत्ति नहीं होतीं हैं।
iii) सम युग्मन (Isogamy)–
- इस जनन क्रिया में दो एक समान युग्मको (आकार, आकृति, संरचना व्यवहार) में संलयन होता हैं। इन्हें(+) व (-) प्रभेद द्वारा दर्शाते हैं।
- समयुग्मन मुख्यतः क्लोरोफायसी के सदस्यों तथा यूलोथरिक्स में पाया जाता हैं।
iv) विषम युग्मन(Heterogamy)-
- जब संलयन होने वाले युग्मक अगर एक दूसरे से भिन्न होते हैं तब उस क्रिया को विषम युग्मन कहा जाता है। यह निम्न दो प्रकार की होतीं है-
1.असमयुग्मन (Anisogamy)
2.अण्डयुग्मन(Oogamy)
1.असम युग्मन(Anisogamy)–
- आकार में दो असमान युग्मको के संलयन को असमयुग्मन कहा जाता हैं। इनमे नर युग्मक आकार में छोटे तथा अधिक क्रियाशील होते है जिन्हें लघु युग्मक कहते हैं जबकि मादा युग्मक बड़े तथा निष्क्रिय होते है जिन्हें गुरु युग्मक कहते हैं। eg- एक्टोकॉर्पस
2.अण्ड युग्मन (oogamy)-
- यह सब से प्रगत प्रकार लैंगिक जनन की विधि है। इसमें युग्मन करने वाले दो युग्मक एक में गतिहीन, बड़ा, गोल संचित भोजन युक्त होता हैं जिसे अण्ड कहते हैं। अंडप का निर्माण अंडधानी अथवा कार्पोगोनियम में पाया जाता हैं। मादा युग्मक की तुलना में नर युग्मक छोटा होता हैं पुमणु कहलाता है। इनका विकास पुंधानी में होता है। पुंधानी में सामान्यतः अनेक पुमणुओ का निर्माण होता हैं जबकि अंडधानी में केवल एक अण्ड विकसित होता हैं। eg- क्लेमाइडोमोनास, कोकसिफेरा, वॉल्वोक्स, कारा वॉउचेरिया।
निषेचन (fertilization )-
- नर तथा मादा युग्मको के संलयन को निषेचन कहते है जिस के फलस्वरूप युग्मनज का निर्माण होता हैं।
- समयुगमन एवं असमयुग्मन की क्रिया में बनने वाले युग्मनज को युग्माणु कहते हैं। तथा अंडयुग्मन की क्रिया में निषिक्तण्ड (Oospore) का निर्माण होता हैं।
- द्विगुणित युग्मनज अपने चारों ओर मोटी भित्ति का निर्माण कर लेता है तथा विश्राम अवस्था (Resting stage) में रहता है जिसे विश्रामी बीजाणु (Resting spore) कहते हैं।
- विश्रामीबीजाणु 2-3 स्तरीय भित्ति द्वारा घिरा रहता है तथा प्रतिकूल परिस्थितियों में चिरकालिक का कार्य करता है। इसकी बाह्य भित्ति मोटी (Outer layer) तथा आंतरिक भित्ति पतली होती हैं। कभी-कभी बाह्य व आंतरिक भित्ति के मध्य में एक ओर भित्ति भी पायी जाती हैं।
- फियोफायसी वर्ग में विश्रामावस्था का अभाव होता हैं।
- अनुकूल परिस्थितियों में युग्मनज (Zygote) का अंकुरण(germination) होता है। क्लोरोफायसी, केरोफायसी आदि में अंकुरण के समय अर्धसूत्रीविभाजन होता हैं, जिससे अगुणित (Haploid) अवस्था पुनः प्रारंभ हो जाती हैं।
- फियोफायसी, रोडोफायसी तथा क्लोरोफायसी के समुद्री वंशो में युग्मनज के अंकुरण के समय समसूत्री विभाजन होते है जिससे द्विगुणित (Diploid) पादप का निर्माण होता है।
परा लैंगिक जनन (Parasexual Reproduction)-
- सायनोफायसी के शैवालों में सत्य लैंगिक जनन नही पाया जाता।
- H. D. कुमार(1962) व R .N. singh(1974) ने इनमे अनुवांशिक पुनर्योगज होने की विधि का वर्णन किया। इस क्रिया को परालैंगिकता (Parasexuailty) कहा जाता हैं।
- eg-एनासिस्टमसिलिंडोस्पर्मम।
अनिषेक जनन(Parthenogenesis)-
- जब युग्मक बिना संलयित हुए बिना युग्मनज (Zygote) के समान व्यवहार करें एवं विश्रामी संरचना बनाये तो यह क्रिया अनिषेक जनन कहते है। यह अंकुरित होकर नया शैवाल बनाने की क्षमता रखता है। जैसे-स्पाइरोगायरा ।
प्रश्न 1: शैवालों में किस विधि द्वारा कयिक जनन (Vegetative reproduction) नहीं होता है? a) कोशिका विभाजन द्वारा b) बीजाणु द्वारा c) खण्डन द्वारा d) हार्मोगोन द्वारा उत्तर: b) बीजाणु द्वारा प्रश्न 2: शैवालों में चल बीजाणुओं (Zoospores) का निर्माण कब होता है? a) प्रतिकूल परिस्थितियों में b) अनुकूल परिस्थितियों में c) शुष्क परिस्थितियों में d) उच्च तापमान में उत्तर: b) अनुकूल परिस्थितियों में प्रश्न 3: नील हरित शैवाल में हार्मोगोन का निर्माण किस प्रकार होता है? N a) प्रोटोनिमा द्वारा b) कन्द द्वारा c) अन्तर्वेशी कोशिका के मृत होने से d) मुकुलन द्वारा उत्तर: c) अन्तर्वेशी कोशिका के मृत होने से प्रश्न 4: शैवालों में अचल बीजाणु किस प्रकार का होता है? a) चल बीजाणु b) अचल बीजाणु c) सुप्त बीजाणु d) एकाइनीट उत्तर: b) अचल बीजाणु प्रश्न 5: शैवालों में स्वयुग्मन (Autogamy) क्या होता है? a) एक थैलस पर बने युग्मकों का संलयन b) एक ही कोशिका की दो पुत्री केन्द्रकों में संलयन c) दो असमान युग्मकों का संलयन d) कोई नहीं उत्तर: b) एक ही कोशिका की दो पुत्री केन्द्रकों में संलयन प्रश्न 6: असमयुग्मन (Anisogamy) में किस प्रकार के युग्मक होते हैं? a) समान युग्मक b) असमान युग्मक c) नग्न युग्मक d) कोई नहीं उत्तर: b) असमान युग्मक प्रश्न 7: शैवालों में परा लैंगिक जनन (Parasexual reproduction) किस समूह में पाया जाता है? a) क्लोरोफायसी b) फियोफायसी c) सायनोफायसी d) रोडोफायसी उत्तर: c) सायनोफायसी प्रश्न 8: कायिक जनन में कन्द द्वारा किस शैवाल में नए पादप का निर्माण होता है? a) नॉस्टोक b) कारा c) यूलोथरिक्स d) ओसिलोटोरिया उत्तर: b) कारा प्रश्न 9: कायिक जनन में प्रोटोनिमा द्वारा नए पादप का निर्माण किस शैवाल में होता है? a) प्रोटोसाइफोन b) वॉउचेरिया c) कारा d) क्लेमाइडोमोनास उत्तर: c) कारा प्रश्न 10: किस प्रकार का बीजाणु मातृ कोशिका के जिलेटिनिकरण से बनी श्लेष्मा में परिबद्ध रहता है? a) सुप्त बीजाणु b) पामेला अवस्था c) चल बीजाणु d) अचल बीजाणु उत्तर: b) पामेला अवस्था प्रश्न 11: किस शैवाल में युग्मनज के अंकुरण के समय समसूत्री विभाजन होते हैं? a) क्लोरोफायसी b) केरोफायसी c) सायनोफायसी d) फियोफायसी उत्तर: d) फियोफायसी प्रश्न 12: शैवालों में अण्ड युग्मन की विधि किसमें पाई जाती है? a) क्लेमाइडोमोनास b) एक्टोकॉर्पस c) नॉस्टोक d) एनाबिना उत्तर: a) क्लेमाइडोमोनास प्रश्न 13: शैवालों में बीजाणु जिस संरचना में बनते हैं वह क्या कहलाती है? a) पुंधानी b) अंडधानी c) बीजाणुधानी d) थैलस उत्तर: c) बीजाणुधानी प्रश्न 14: हार्मोगोन का निर्माण किन शैवालों में होता है? a) नॉस्टोक, ओसिलोटोरिया b) यूलोथरिक्स, वॉउचेरिया c) क्लेमाइडोमोनास, कारा d) डिक्टयोता, फ्यूक्स उत्तर: a) नॉस्टोक, ओसिलोटोरिया प्रश्न 15: किस विधि द्वारा एक कोशिकीय शैवाल विभाजन द्वारा पुत्री कोशिका का निर्माण करती हैं? a) खण्डन द्वारा b) कोशिका विभाजन द्वारा c) हार्मोगोन द्वारा d) कन्द द्वारा उत्तर: b) कोशिका विभाजन द्वारा प्रश्न 16: शैवालों में कौन-सी विधि कायिक जनन की नहीं है? a) मुकुलन द्वारा b) अलैंगिक जनन द्वारा c) कन्द द्वारा d) प्रोटोनिमा द्वारा उत्तर: b) अलैंगिक जनन द्वारा प्रश्न 17: अचल बीजाणु किस परिस्थिति में बनते हैं? a) शुष्क परिस्थितियों में b) अनुकूल परिस्थितियों में c) उच्च तापमान में d) नम स्थितियों में उत्तर: a) शुष्क परिस्थितियों में प्रश्न 18: लैंगिक जनन में किसका निर्माण नहीं होता है? a) युग्मक b) बीजाणु c) अंडधानी d) पुंधानी उत्तर: b) बीजाणु प्रश्न 19: शैवालों में सुप्त बीजाणु किस विधि से बनते हैं? a) चल बीजाणु द्वारा b) पामेला अवस्था c) एकाइनीट द्वारा d) ऑक्सोस्पोर द्वारा उत्तर: c) एकाइनीट द्वारा प्रश्न 20: शैवालों में परा लैंगिक जनन किसके द्वारा वर्णित किया गया था? a) H. D. कुमार और R. N. सिंह b) क्लेमाइडोमोनास और वॉउचेरिया c) नॉस्टोक और एनाबिना d) एक्टोकॉर्पस और कारा उत्तर: a) H. D. कुमार और R. N. सिंह प्रश्न 21: शैवालों में कौन-सी विधि लैंगिक जनन की सबसे प्रगत विधि है? a) सम युग्मन b) स्वयुग्मन c) अण्ड युग्मन d) विषम युग्मन उत्तर: c) अण्ड युग्मन प्रश्न 22: शैवालों में पामेला अवस्था किस परिस्थिति में देखी जाती है? a) जलाशय में जल की समाप्ति पर b) अनुकूल परिस्थितियों में c) उच्च तापमान में d) शुष्क परिस्थितियों में उत्तर: a) जलाशय में जल की समाप्ति पर प्रश्न 23: शैवालों में परालैंगिकता किसके उदाहरण में पाई जाती है? a) नॉस्टोक b) एनासिस्टमसिलिंडोस्पर्मम c) क्लेमाइडोमोनास d) वॉउचेरिया उत्तर: b) एनासिस्टमसिलिंडोस्पर्मम प्रश्न 24: किस शैवाल में मुकुलन द्वारा नया थैलस बनता है? a) कारा b) प्रोटोसाइफोन c) यूलोथरिक्स d) क्लेमाइडोमोनास उत्तर: b) प्रोटोसाइफोन प्रश्न 25: शैवालों में लैंगिक जनन की कौन-सी विधि में बाह्य जीनो का समायोजन नहीं होता? a) स्वयुग्मन b) सम युग्मन c) असम युग्मन d) अण्ड युग्मन उत्तर: a) स्वयुग्मन प्रश्न 26: शैवालों में कितनी प्रकार की युग्मन विधियाँ पाई जाती हैं? a) एक b) दो c) तीन d) चार उत्तर: c) तीन प्रश्न 27: शैवालों में असम युग्मन किसे कहते हैं? a) छोटे और बड़े युग्मकों का युग्मन b) समान युग्मकों का युग्मन c) एक ही प्रकार के युग्मकों का युग्मन d) स्वयुग्मन उत्तर: a) छोटे और बड़े युग्मकों का युग्मन प्रश्न 28: शैवालों में ज़ीगोट किसके द्वारा निर्मित होता है? a) स्पोर के द्वारा b) युग्मकों के मिलन से c) थैलस के विभाजन से d) कन्द द्वारा उत्तर: b) युग्मकों के मिलन से प्रश्न 29: किस शैवाल में सम युग्मन की विधि पाई जाती है? a) यूलोथरिक्स b) क्लेमाइडोमोनास c) स्पाइरोगायरा d) वॉउचेरिया उत्तर: c) स्पाइरोगायरा प्रश्न 30: अंड युग्मन किस शैवाल में पाया जाता है? a) क्लेमाइडोमोनास b) स्पाइरोगायरा c) वॉउचेरिया d) कारा उत्तर: d) कारा प्रश्न 31: शैवालों में द्विविभाजन द्वारा जनन किसमें पाया जाता है? a) क्लेमाइडोमोनास b) यूलोथरिक्स c) वॉउचेरिया d) एनाबिना उत्तर: a) क्लेमाइडोमोनास प्रश्न 32: किस शैवाल में चल बीजाणु द्वारा जनन होता है? a) नॉस्टोक b) यूलोथरिक्स c) कारा d) स्पाइरोगायरा उत्तर: b) यूलोथरिक्स प्रश्न 33: शैवालों में असम युग्मन की प्रक्रिया किसमें पाई जाती है? a) क्लेमाइडोमोनास b) यूलोथरिक्स c) स्पाइरोगायरा d) वॉउचेरिया उत्तर: d) वॉउचेरिया प्रश्न 34: शैवालों में बीजाणु की स्थिति किसमें देखी जाती है? a) पुंधानी में b) अंडधानी में c) थैलस में d) बीजाणुधानी में उत्तर: d) बीजाणुधानी में प्रश्न 35: शैवालों में कौन-सा जनन पुंधानी और अंडधानी के मिलन से होता है? a) अलैंगिक जनन b) कायिक जनन c) लैंगिक जनन d) कोई नहीं उत्तर: c) लैंगिक जनन प्रश्न 36: शैवालों में कौन-सा जनन एक ही जीव द्वारा होता है? a) लैंगिक जनन b) अलैंगिक जनन c) स्वयुग्मन d) कायिक जनन उत्तर: c) स्वयुग्मन प्रश्न 37: किस शैवाल में पामेला अवस्था पाई जाती है? a) नॉस्टोक b) ओसिलोटोरिया c) क्लेमाइडोमोनास d) यूलोथरिक्स उत्तर: c) क्लेमाइडोमोनास प्रश्न 38: शैवालों में थैलस का विभाजन किस विधि द्वारा होता है? a) द्विविभाजन द्वारा b) बीजाणु द्वारा c) अण्ड द्वारा d) कन्द द्वारा उत्तर: a) द्विविभाजन द्वारा प्रश्न 39: शैवालों में निःश्लेषण किसमें पाई जाती है? a) नॉस्टोक b) स्पाइरोगायरा c) क्लेमाइडोमोनास d) वॉउचेरिया उत्तर: a) नॉस्टोक प्रश्न 40: शैवालों में किस विधि द्वारा नया थैलस बनता है? a) चल बीजाणु द्वारा b) थैलस के विभाजन द्वारा c) स्वयुग्मन द्वारा d) मुकुलन द्वारा उत्तर: d) मुकुलन द्वारा |