Polysiphonia

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पॉलीसाइफोनिया( Polysiphonia)

Classification-

Division-Rhodophyta

Class.   -Rhodophyceae

Order.  – Ceramiales

Family-Rhodomelaceae

Genus-Polysiphonia

प्राप्ति स्थान(Occurrence)

  • पॉलीसाइफोनिया मुख्यतः समुद्र में पाया जाने वाला शैवाल है।
  • इसकी 150 जातियाँ पाई जाती है जिसमें से  9  भारत से रिपोर्ट की गई है।
  • समुद्री जल में इसके सदस्य मुख्यतः अन्तराज्वारीय ( intertidan ) स्थलों पर अथवा वेलांचली एवं उपवेलांचली ( littoral and sublittoral ) क्षेत्रों , ज्वारीय दल दलों व तालाबों ( tidal marshes and pools ) या लवणीय सागर संगम ( brakish estuaries ) में बहुतायत से पाये जाते हैं।

थैलस की संरचना(Structure of thallus)

  • पॉलीसाइफोनिया के पादप 30 सेमी तक लम्बे , सघन गुच्छों में , पंखनुमा आभासित होते है। इनका पादप सुकाय अतिशाखित तन्तुकी , प्रकार व लाल रंग का होता है।
  • सुकाय कुछ सदस्यों में विषम तन्तुकी होता है तथा इसमें सुस्पष्ट श्यान  ( prostrate ) व ऊर्ध्व तन्त्र उपस्थित होते हैं।

1) श्यान तन्त्र (prostrate System)

  • पॉलीसाइफोनिया अरसियोलेटा (Aurceolata ) में आधारी शयान तन्त्र उपस्थित होता है जिसकी शाखा बहुसायफनी होती है।
  • इस तन्त्र की परिधीय कोशिकायें एक कोशिकी ( unicellular ) मोटी भित्ति वाले मूलाभास ( rhizoids ) उत्पन्न करती है।
  • इन मूलाभासों के वह भाग जो आधार के सम्पर्क में होते हैं उन पर चक्रिका ( disc ) पालि युक्त ( lobed ) अथवा स्थापनांग ( hapteron ) उपस्थित होते हैं जो ऊर्ध्वतन्त्र ( erect systems ) को स्थिर रखने का कार्य करती है।
  • इनका दूसरा कार्य पादप को कायिक जनन में सहायता प्रदान करना है।

( 2 ) उर्ध्व तन्त्र ( Erect System )

  • उर्ध्व तन्त्र की बहुसायफनी प्रकृति के कारण इस पादप का नाम पॉलीसाइफोनिया रखा गया।
  • उर्ध्व तन्त्र आधार पर मूलाभासों द्वारा स्थिर रहता है जो इस तन्त्र की आधारी कोशिका से निर्मित होते हैं व कभी – कभी सभी मूलाभास मिलकर एक संलग्न चक्रिका ( attachment disc ) का निर्माण कर लेते हैं जो पौधे को स्थिर रखने के साथ साथ चिरकालिक ( perennative ) संरचनायें होती हैं व कायिक जनन में मदद करती है।

मुख्य अक्ष

  • उर्ध्वतन्त्र के मुख्य अक्ष में बेलनाकार कोशिकाओं युक्त एक केन्द्रीय पंक्ति पायी जाती है जो 4-24 तक परिधीय पंक्तियों ( peripheral rows ) से घिरी रहती है।
  • प्रत्येक पॉलीसाइफोनिया की जाति की परिधीय पंक्तियों की संख्या निश्चित होती है।
  • परिधीय कोशिकाओं का निर्माण केन्द्रीय साइफन की शीर्ष कोशिका के कुछ पीछे स्थित कोशिकाओं के उदग्र ( longitudimal ) विभाजन के द्वारा होता है।
  • केन्द्रीय व परिधीय साइफन चूंकि समान लम्बाई के होते हैं अतः पादप ऐसा प्रतीत होता है जैसे कि उस में पर्व व पर्व संधि उपस्थित हो।
  • मुख्य अक्ष पर एक लाक्षी शाखन वाली असीमित व सीमित वृद्धि वाली निम्न शाखायें पायी जाती है

दीर्घ या असीमित वृद्धि की शाखायें ( Long or Branches of Unlimited Growth )

  • यह बहुसायफनी स्वभाव की शाखायें होती है जिनमें लगातार वृद्धि होती रहती है अतः यह असीमित वृद्धि की शाखायें कहलाती है।
  • यह शाखायें मुख्य अक्ष के समान शाखायें धारण कर सकती हैं।
  • इनमें भी मुख्य अक्ष के समान एक केन्द्रीय व चौबीस तक परिधीय साइफन उपस्थित होते हैं।
  • यह शाखायें अलग – अलग जातियों में निम्न प्रकार से निर्मित हो सकती हैं

(i) प्रौढ़ भागों में परिधीय क्षेत्रों से निर्मित

(ii) मुख्य अक्ष द्वारा लघु शाखा के समान निर्मित

(iii) लघु शाखा के स्थान पर निर्मित

(iv) लघु शाखा के कक्ष में निर्मित

  • दीर्घ शाखाओं की शीर्षस्थ कोशिकाएँ गुख्य अक्ष के समान सदैव एक सायफनी ( uniaxial ) होती है। इन शाखाओं पर कभी भी जननांगों का निर्माण नहीं होता है।

(ii) लघु या सीमित वृद्धि की शाखायें ( Short or Branches of Limited Growth )

  • यह शाखायें मुख्य अक्ष अथवा दीर्घ शाखाओं पर सर्पिल रूप से व्यवस्थित व सीमित वृद्धि प्रदर्शित करती हैं।
  • इन शाखाओं में परिधीय साइफन अनुपस्थित होने से केवल एक केन्द्रीय साइफन ही उपस्थित होता है। इन शाखाओं में द्विभाजी ( dichotomous ) शाखन उपस्थित हो सकता है।
  • कुछ बहु वर्षीय जातियों में यह शाखायें जो रोम कारक ( nichoblast ) भी कहलाती है शरद ऋतु में गिर जाती है व बसन्त ऋतु में पुनः निर्मित हो जाती है।

कोशिका संरचना ( Cell Structure )

  • पॉलीसाइफोनिया की कोशिकायें सामान्यत बेलनाकार व लम्बी होती है जिनकी कोशिका भित्ति में बाहर की और पेक्टोज व भीतर की ओर सेल्युलोज उपस्थित होता है।
  • कोशिका में जीवद्रव्य परिधि पर पाया जाता है अतः मध्य में एक बड़ी रिक्तिका ( Vacuole ) उपस्थित रहती है।
  • केन्द्रीय कोशिकायें तथा रोम कोरकों की कोशिकाओं में एक व परिधीय कोशिकाओं में एक या दो केन्द्रक पाये जाते हैं।
  • जीवद्रव्य में कई बिम्बाभ ( discoid ) क्रोमेटोफोर उपस्थित होते हैं। इन पर पायरेनॉइड नहीं पाये जाते हैं।

वर्णकों में निम्न वर्णक मुख्य होते हैं

(i) क्लोरोफिल- a

(ii) B- केरोटीन

(iii) क्लोरोफिल- d

(iv) a- केरोटीन

(v) जैन्थोफिल

(vi) r – फायकोसायनिन व – फायकोइरिथिन नाम के फाइकोविलिन्स उपस्थित होते हैं।

  • r- फायकोइरिथ्रीन की प्रचुर मात्रा के कारण हरा रंग गोपित ( masked ) हो जाता है व शैवाल के सदस्य रक्ताभ (red) दिखाई देते हैं।
  • पोलीसाइफोनिया की कोशिकाओं में संचित भोजन के रूप में फ्लोरिडियन स्टार्च पाया जाता है।
  • यह कोशिकायें ब्रोमीन भी संचित करने में सक्षम होती हैं।

गर्त जोड़ ( Pit Connections )

  • केन्द्रीय व परिधीय कोशिकायें के मध्य जीवद्रव्य के आदान प्रदान हेतु गर्त जोड़ पाये जाते हैं जो प्राथमिक वद्वि तीयक ( primary and secondary ) प्रकार के होते हैं

प्राथमिक गर्त जोड़ ( Primary Pit Connections )

  • केन्द्रीय साइफन की कोशिकाओं व परिधीय साइफन की कोशिकाओं के बीच जो गर्त जोड़ होते हैं वह प्राथमिक प्रकार के माने जाते हैं।
  • यह कोशिका विभाजन के समान अपूर्ण भित्ति बनने के कारण निर्मित होते हैं।

द्वितीयक गर्त जोड़ ( Secondary Pit Connections )

  • यह गर्त जोड़ परिधीय कोशिकाओं तथा वल्कुटी कोशिकाओं के बीच पाये जाते हैं।
  • इस प्रकार के गर्त जोड़के बनने के समय एक कोशिका के एक किनारे पर तिर्यक ( oblique ) विभाजन होता है

वृद्धि ( Growth )-

  • पॉलीसाइफोनिया में एक गुम्बदाकार ( dome shaped ) शीर्ष कोशिका से वृद्धि आरम्भ होती है। यह कोशिका अनेक अनुप्रस्थ विभाजन करती है जिससे एक केन्द्रकीय साइफन बनता है।
  • शीर्ष पर पॉलीसाइफोनिया की सभी कोशिका यें सदैव एक केन्द्रकीय साइफन युक्त होती है। शीर्ष कोशिक से चार – पाँच पीछे की ओर परिधीय कोशिकायें बनती हैं।
  • पॉलीसाइफोनिया की प्रत्येक जाति के लिये इन परिधीय कोशिकाओं की संख्या निश्चित होती है।

जनन (Reproduction)-

  • पोलीसाइफोनिया में दो प्रकार का जनन पाया जाता हैं।

कायिक जनन ( Vegetative Reproduction )

  • कायिक जनन अधिकतर पादप के विखंडन द्वारा होता है। पादप काय के टूटने पर विखंडित हुआ भाग जल द्वारा किसी आधार पर मुलाभास द्वारा चिपककर वृद्धि करता रहता है व नये पादप का शयान व उर्ध्व तन्त्र विकसित कर लेता है।

लैंगिक जनन ( Sexual Reproduction )

  • पॉलीसाइफोनिया एक लिंगाश्रयी ( dioecious ) पादप होता है जिसमें जटिल प्रकार का विषमयुग्म की लैंगिक जनन पाया जाता है।

इसमें तीन स्वतन्त्र व एक आश्रित अवस्था मिलती है स्वतन्त्र पादप अवस्था

(i) नर युग्मकोदभीद पादप ( Male Gametophytic Plant )

(ii) मादा युग्मकोदभीद पादप ( Female Gametophytic Plant )

(iii) चतुष्की बीजाणुदभीद ( Tetrasporophyte )

आश्रित अवस्था

  • कार्पो बीजाणुदभीद अवस्था मादा युग्मकोदभीद पर आश्रित पायी जातीहै।

नर युग्मकोदभीद पादप ( Male Gametophytic Plant )

  • नर युग्मकोदभिद पादप पर पुंधानियाँ बनती हैं जिनमें प्रजनन के समय अचल नर युग्मक बनते हैं। नर पादप के फलद ( fertile ) रोम कोरक जिन पर पुंधानियाँ निर्मित होती है नर रोम कोरक कहलाते हैं।।
  • जैसे ही यह रोम कोरक दो अथवा तीन कोशिकायें निर्मित करते हैं वै से ही यह द्विशाखित हो जाते हैं।
  • इसकी अधिकतर एक ही शाखा फलद होती है किंतु किसी किसी जाति में दोनों शाखाओं पर पुंघानियों लग सकती हैं
  • उदाहरण पॉलीसाइफोनिया लोनासा ( P. lonasa ) ।
  • रोम कोरक की फलद शाखा ( ferile branch ) काफी छोटी होती है।
  • यह कोशिकायें बाहर की तरफ एक या ज्यादा पुंधानी मातृ कोशिकायें बना लेती हैं , चूंकि सभी पुंधानी मातृ कोशिकायें आपस में काफी नजदीक तथा सटी हुई होती है अतः यह एक सुंसहत ( compact ) संरचना निर्मित कर लेती हैं।
  • प्रत्येक पुंधानी मातृ कोशिका दो से चार तक पुंधानी बनाने में सक्षम होती है।

पुंधानी की संरचना ( Structure of Antheridium )

  • पुंधानी एक केन्द्रकीय व एक कोशिकीय गोल या लम्बोतरी ( oblong ) संरचना होती है।

पुंधानी पर तीन Layer पायी जाती हैं।

(i) बाह्य परत– यह पर्याप्त मोटी व चिकनी ( Smooth ) होतीहै।

(ii) मध्य परत– यह सतह श्लेष्मीय ( gelatinuous ) होती है।

(iii) आंतरिक सतह– यह सतह अपवर्तक ( refractive ) स्वभाव प्रदर्शित करती है।

  • प्रत्येक पुंधानी का जीवद्रव्य रूपातंरित होकर पतली भित्ति युक्त अचल ( non – motile ) पुमणु निर्मित करता है जो पुंधानी की भित्ति फटने पर बाहर आकर जल द्वारा निषेचन के लिये स्त्रीधानी ( archegonia ) तक पहुँचा दिये जाते हैं।

मादा युग्मकोदभीद पादप ( Female Gametophytic Plant )

  • अंडधानी काफी छोटे रोम कोरक की शीर्ष कोशिका के रूपांतरण से निर्मित होती है। यह कोशिका कार्पोगोनियल तन्तु ( रोग कोरक ) के शीर्षस्थ कोशिका में परिवर्धन व रूपांतरण के बाद निर्मित हो जाती हैं।
  • मुख्य अक्ष या असीमित वृद्धि की शाखा के शीर्ष से चार पाँच कोशिका पीछे की ओर फलद रोम कोरक कार्पोगोनियल तन्तु का निर्माण होता है।
  • जब यह रोम कोरक पाँच से सात कोशिकीय तक बन जाता है तब सब से नीचे की दो कोशिकाओं द्वारा परिधीय कोशिकायें बनाई जाती है।

निम्न पाँच – पाँच कोशिकायें निर्मित होती हैं –

 i) एक अभ्यक्ष ( adaxial ) सतह पर

ii) दो पार्श्व (lateral) सतह पर

iii) दो अपाक्ष ( abaxial ) सतह पर

  • नीचे जो सोपान ( tier ) पाया जाता है वह बन्ध्य होता है तथा ऊपर की ओर अभ्यक्ष सतह पर जो कोशिका होती है वह कार्पोगोनियल मातृ कोशिका के समान व्यवहार करती है।
  • यह कोशिका आलम्बक कोशिका कहलाती हैं।
  • कुछ अनुप्रस्थ विभाजनों द्वारा चार अथवा पाँच कोशिकीय मुड़ा ( curved ) हुआ कार्पोगोनियल तन्तु बना लेती हैं।
  • कर्पोगोनियल तन्तु की ऊपरी शीर्ष कोशिका एक ऐसी अंडधानी निर्मित करती है जिसका ऊपरी ग्रीवा का भाग संकरा व लम्बा होता है यह ट्राइकोगाइन कहलाता है।
  • इसका आधारी फूला भाग जिसमें अंड उपस्थित होता है कार्पोगाइन कहलाता है।
  • यह अंडधानी कार्पोगोनियल तन्तु के मुड़े होने के कारण आलम्बक कोशिका के समीप स्थित होती है।
  • आलम्बक कोशिका पहले अनुप्रस्थ फिर अनुदैर्घ्य रूप से विभाजित होती है व निम्न कोशिकायें निर्मित करती है-

( i ) अनुप्रस्थ विभाजन

  • इस विभाजन द्वारा आधारी बन्ध्य तन्तु प्रारम्भिक निर्मित होता है जो निषेचन के बाद विभाजनों द्वारा आधारी बन्ध्य तन्तु ( basal sterile filament ) बनाता है।

( ii ) अनुदैर्घ्य विभाजन

  • इस विभाजन द्वारा पार्श्व बन्ध्य तन्तु प्रारम्भिक निर्मित होता है जो शीघ्र ही विभाजन कर के दो कोशिकीय पार्श्व बन्ध्य तन्तु ( lateral sterile filament ) बना लेता है जिसकी शेष वृद्धि निषेचन के बाद होती है।

निषेचन ( Fertilization )

  • निषेचन के समय पुमणु जल में तैरते हुये ट्राइकोगाइन के शीर्ष पर आकर चिपक जाते हैं।
  • जिस स्थल पर पुमणु ट्राइकोगाइन के सम्पर्क में आता है उस स्थान पर उनकी भित्ति नष्ट हो जाती है व पुमणु का केन्द्रक ट्राइकोगाइन से होता हुआ नीचे की ओर कार्पोगाइन में पहुँचकर अंड से संयुक्त होकर एक द्विगुणित युग्मनज निर्मित कर लेता है यह प्रक्रिया निषेचन कहलाती है।

निषेचनोपरांत विकास ( Post -Fertilization Development )

  • निषेचन पूर्ण होने के बाद आधारी व पार्श्व तन्तु विभाजित होना शुरू कर देते हैं व तीन कोशिकीय तक आधारी व दस कोशिकीय तक पार्श्व तन्तु निर्मित कर लेते हैं।
  • जब यह कोशिकीय विभाजन हो रहा होता है ठीक उसी समय मादा युग्मकोदभीद के फलद ( Terie ) रोम कोरक की परिधीय कोशिकायें भी तेजी से वृद्धि करने लगती है व युग्मनज युक्त कोशिका के चारों और एक बन्ध्य कोशिकाओं का आवरण निर्मित कर लेती है जो फल भित्ति ( pericarp ) कहलाती है।
  • फल भित्ति के निर्मित होने के समकालिक आलम्बक कोशिका में निम्न प्रक्रिया सम्पन्न होती है-

(i) आलम्बक कोशिका अनुप्रस्थ विभाजन द्वारा ऊपर की ओर एक सहायक ( auxillary ) कोशिका निर्मित करती है।

(ii) यह सहायक कोशिका एक नलिकाकार ( tubular ) उभार ऊब्लास्ट ( ooblast ) बनाती है जो निषेचित युग्मनज युक्त कार्पोगाइन से जुड़ जाता है। इस समय इस कोशिका में एक अगुणित केन्द्रक उपस्थित होता है।

पॉलीसाइफोनिया की कितनी जातियाँ भारत में पाई जाती हैं?
A. 150
B. 9
C. 50
D. 15
Answer: B. 9

पॉलीसाइफोनिया के उर्ध्व तन्त्र का नाम किस कारण रखा गया है?
A. इसके विषम तन्तुकी के कारण
B. इसके बहुसायफनी प्रकृति के कारण
C. इसके लाल रंग के कारण
D. इसके सुकाय तन्तुकी के कारण
Answer: B. इसके बहुसायफनी प्रकृति के कारण

पॉलीसाइफोनिया की कोशिका भित्ति में कौन से पदार्थ पाये जाते हैं?
A. बाहरी परत में पेक्टोज और आंतरिक परत में सेल्युलोज
B. बाहरी परत में सेल्युलोज और आंतरिक परत में पेक्टोज
C. केवल पेक्टोज
D. केवल सेल्युलोज
Answer: A. बाहरी परत में पेक्टोज और आंतरिक परत में सेल्युलोज

पॉलीसाइफोनिया में जनन के कौन-कौन से प्रकार पाये जाते हैं?
A. कायिक जनन और लैंगिक जनन
B. कायिक जनन और अलैंगिक जनन
C. लैंगिक जनन और अलैंगिक जनन
D. केवल लैंगिक जनन
Answer: A. कायिक जनन और लैंगिक जनन

मादा युग्मकोदभीद पादप पर कौन सा अंग बनता है?
A. पुंधानी
B. अंडधानी
C. स्पोरांजिया
D. श्यान तन्त्र
Answer: B. अंडधानी

निषेचन के बाद कौन सा तन्तु विभाजित होना शुरू कर देता है?
A. रोम कोरक
B. कार्पोगोनियल तन्तु
C. आधारी व पार्श्व तन्तु
D. मुख्य अक्ष
Answer: C. आधारी व पार्श्व तन्तु

पॉलीसाइफोनिया मुख्यतः कहाँ पाया जाता है?
A. ताजे पानी में
B. समुद्र में
C. जंगलों में
D. रेगिस्तान में
Answer: B. समुद्र में

मुख्य अक्ष पर पाई जाने वाली शाखाओं में कितने परिधीय साइफन होते हैं?
A. 1-10
B. 4-24
C. 3-15
D. 5-20
Answer: B. 4-24

पॉलीसाइफोनिया में कौन सा वर्णक मुख्य होता है जो इसके लाल रंग का कारण है?
A. क्लोरोफिल-a
B. r- फायकोइरिथिन
C. बी- केरोटीन
D. जैन्थोफिल
Answer: B. r- फायकोइरिथिन

पॉलीसाइफोनिया में वानस्पतिक जनन मुख्यतः किस प्रकार होता है?
A. बीजाणु द्वारा
B. विखंडन द्वारा
C. युग्मक द्वारा
D. क्लोनिंग द्वारा
Answer: B. विखंडन द्वारा

पॉलीसाइफोनिया में फलद रोम कोरक की परिधीय कोशिकायें किसके समय तेजी से वृद्धि करती है?
A. निषेचन के समय
B. विखंडन के समय
C. शयन के समय
D. अंकुरण के समय
Answer: A. निषेचन के समय

मादा युग्मकोदभीद पादप पर अंडधानी कैसे बनती है?
A. मूलाभास से
B. रोम कोरक से
C. तन्तु से
D. कोशिका विभाजन से
Answer: B. रोम कोरक से

कार्पोगोनियल तन्तु का ऊपरी ग्रीवा का भाग क्या कहलाता है?
A. ट्राइकोगाइन
B. आलम्बक
C. कार्पोगाइन
D. फल भित्ति
Answer: A. ट्राइकोगाइन

निषेचनोपरांत विकास के दौरान क्या संरचना निर्मित होती है जो पादप को स्थिर रखती है?
A. फल भित्ति
B. बन्ध्य तन्तु
C. मूलाभास
D. आवरण कोशिकाएँ
Answer: A. फल भित्ति

आलम्बक कोशिका में निषेचन के बाद किस प्रकार की विभाजन प्रक्रिया होती है?
A. अनुदैर्घ्य विभाजन
B. अनुप्रस्थ विभाजन
C. द्विभाजी विभाजन
D. रेडियल विभाजन
Answer: B. अनुप्रस्थ विभाजन

निषेचनोपरांत कौन सा तन्तु अनुदैर्घ्य विभाजन द्वारा पार्श्व बन्ध्य तन्तु बनाता है?
A. आधारी तन्तु
B. आलम्बक कोशिका
C. मुख्य अक्ष
D. कार्पोगोनियल तन्तु
Answer: B. आलम्बक कोशिका

Which structure in Polysiphonia is responsible for producing non-motile spermatia?
पॉलीसाइफोनिया में कौन सी संरचना अश्चलनशील शुक्राणु उत्पन्न करने के लिए जिम्मेदार है?
A. Carpogonium
कार्पोगोनियम
B. Spermatangia
शुक्राणुशाला
C. Tetrasporangium
टेट्रास्पोरेन्जियम
D. Trichogyne
ट्राइकोगाइन

What division does Polysiphonia belong to?
A. Chlorophyta
B. Phaeophyta
C. Rhodophyta
D. Cyanophyta
Answer: C. Rhodophyta

Which type of system in Polysiphonia is characterized by a prostrate system?
A. Erect System
B. Prostrate System
C. Floating System
D. Both A and B
Answer: B. Prostrate System

Which pigment is responsible for the red color in Polysiphonia?
A. Chlorophyll-a
B. r-Phycoerythrin
C. β-Carotene
D. Xanthophyll
Answer: B. r-Phycoerythrin

In Polysiphonia, which type of growth starts from a dome-shaped apical cell?
A. Lateral growth
B. Prostrate growth
C. Apical growth
D. Basal growth
Answer: C. Apical growth

Which type of plant in Polysiphonia has spermatangia?
A. Female Gametophytic Plant
B. Tetrasporophyte
C. Male Gametophytic Plant
D. Carposporophyte
Answer: C. Male Gametophytic Plant

During fertilization in Polysiphonia, where do the spermatia attach?
A. Basal cell
B. Apical cell
C. Trichogyne
D. Lateral cell
Answer: C. Trichogyne

How many species of Polysiphonia are found worldwide?
A. 150
B. 200
C. 100
D. 50
Answer: A. 150

What is the primary function of rhizoids in Polysiphonia?
A. Photosynthesis
B. Reproduction
C. Anchorage
D. Nutrient absorption
Answer: C. Anchorage

What is the length of Polysiphonia plants?
A. 10 cm
B. 20 cm
C. 30 cm
D. 40 cm
Answer: C. 30 cm

Which of the following pigments is not found in Polysiphonia?
A. Chlorophyll-a
B. Chlorophyll-d
C. Chlorophyll-b
D. β-Carotene
Answer: C. Chlorophyll-b

What type of connections are found between central and peripheral cells in Polysiphonia?
A. Tight junctions
B. Pit connections
C. Plasmodesmata
D. Gap junctions
Answer: B. Pit connections

Which type of reproduction is most common in Polysiphonia?
A. Sexual reproduction
B. Vegetative reproduction
C. Asexual reproduction
D. Binary fission
Answer: B. Vegetative reproduction

What is the shape of the apical cell in Polysiphonia that initiates growth?
A. Dome-shaped
B. Square
C. Cylindrical
D. Spherical
Answer: A. Dome-shaped

Which structure in Polysiphonia is responsible for producing non-motile spermatia?
A. Carpogonium
B. Spermatangia
C. Tetrasporangium
D. Trichogyne
Answer: B. Spermatangia

What is the name of the narrow and long upper part of the carpogonium in Polysiphonia?
A. Trichogyne
B. Rhizoid
C. Pericarp
D. Axillary cell
Answer: A. Trichogyne

Where does the fusion of the male gamete nucleus and the egg nucleus occur in Polysiphonia?
A. Axillary cell
B. Trichogyne
C. Carpogonium
D. Tetrasporangium
Answer: C. Carpogonium

What is the role of the pericarp in Polysiphonia?
A. Photosynthesis
B. Protection of gametes
C. Storage of nutrients
D. Anchorage of the plant
Answer: B. Protection of gametes

After fertilization in Polysiphonia, what is formed by the division of the basal cell?
A. Auxiliary cell
B. Basal sterile filament
C. Pericarp
D. Trichogyne
Answer: B. Basal sterile filament

Which phase in Polysiphonia is dependent on the female gametophytic plant?
A. Tetrasporophyte
B. Carposporophyte
C. Male Gametophyte
D. Prostrate System
Answer: B. Carposporophyte

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