- इनका विकास Paleozoic Era के Devonian कालमें हुआ
- Carboniferous काल में इसके अनेक बड़े पौधे जैसे Lapidodendron, Sigilaria आदि वृक्षों के समान थे।
- वर्तमान में इनके केवल ५ जीवित वंश Lycopodium, Phylloglossum, Selaginella, Stylites तथा Isoetes उपस्थित है। शेष सदस्य केवल जीवाश्म के रूप में पाये जाते है।
- इनमे sporophytic plant जड़ , तना, तथा पत्तियों में विभेदित होता है।
- इनमे जड़ तहत स्तम्भ दोनों द्विभाजिशाखित ( Dichotomously ) होते है।
- इनमे पत्तियां छोटी सरल होती है , इनमें एक अशाखित Midvain होती है.
- सामान्यतया पत्तियां सर्पिल क्रम में व्यवस्थित होती है. कुछ वर्षों में पत्तियां सम्मुख चक्रदार क्रम में व्यवस्थित होती है.
- Selagenella, Isoetes आदि Genus मैं पत्तियों के आधार पर Ligule उपस्थित होता है.
- Leaf trace व Leaf gape अनुपस्थित होते हैं
- तने में सामान्यतया Protostele ( ठोस रम्भ ) उपस्थित परंतु कुछ पादपों में (जीवित/ जीवाश्म ) में Siphonostele (नालरम्भ ) अथवा Polycyclic stele उपस्थित होता है .
- द्वितीयक वृद्धि अनुपस्थित ( अपवाद – Isoetes, Lepidodendraon )
- Sporangia (बीजाणुधानियाँ) sporophyll की adaxial ( अभयाक्ष) सतह पर संलग्न
- अधिकांश जातियों में sporophyll शाखाओं के शीर्ष पर compact या loose strobilus बनाता है
- इनमे Homosporous – Lycopodium तथा Heterosporous – Selagenella दोनों प्रकार के पौधे पाए जाते है .
- Heterosporous spp.में Gametophyte plant का Development बीजाणु की भित्ति के अंदर होता है अतः इसे Endosporic कहते है .
- इनमे पुमणु द्वी या बहु-सिलियट होते है